दशम दीक्षांत समारोह में 942 उपाधियों एवं 78 पुरस्कार का वितरण
बरेली। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर (IVRI) में मंगलवार 23 अगस्त को दशम दीक्षांत समारोह 10th convocation of IVRI का आयोजन किया गया। इसमें संस्थान की ओर से कुल 942 उपाधियों एवं 78 पुरस्कार का वितरण किया गया। दीक्षांत समारोह में संस्थान द्वारा विकसित तीन प्रौद्योगिकी का विमोचन भी किया गया।
मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर रहे। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बरेली से सांसद संतोष कुमार गंगवार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप-महानिदेशक (पशु विज्ञान) डा. भूपेन्द्र नाथ त्रिपाठी और आईवीआरआई इज्जतनगर के निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त विशिष्ठ अतिथि रहे।
कई विशेषज्ञों को मानद उपाधि
आईवीआरआई इज्जतनगर एवं सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ के पूर्व कुलपति डा. महेंद्र पाल यादव, पशु विज्ञान, नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक एवं आसाम कृषि विश्वविद्यालय गुवाहाटी के पूर्व कुलपति डा. कमल मल्ल बुजरबरूआ और उत्तर प्रदेश पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान संस्थान, मथुरा के पूर्व कुलपति डा. अनिल कुमार श्रीवास्तव को आईवीआरआई सम विश्वविद्यालय की विज्ञान-वारिधि (मानद्) उपाधि से सम्मानित किया गया।
संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डा. त्रिवेणी दत्त ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया। उन्होंने जानकारी दी कि इस दीक्षान्त समारोह में संस्थान द्वारा कुल 942 उपाधियां एवं 78 पुरस्कार का वितरण सुनिश्चित किया गया। इनमें 349 उपाधियां एवं 48 पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि की उपस्थिति में और 581 को मुख्य अतिथि की अनुपस्थिति में विद्यार्थियों को प्रदान किए गए। इसके साथ ही ऑनलाइन वेट क्लीनिक से डॉ. रूपसी तिवारी, डॉ. अनुज चौहान, डॉ. उज्जवल डे, डॉ. बृजेश कुमार, सुश्री सुबिशा सी, के अतिरिक्त भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली से डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. सुदीप मारवाह, संजीव कुमार, समीर श्रीवास्तव, केशव कांत, आईबीआर वैक्सीन से डॉ. प्रवीण कुमार गुप्ता, डॉ. सचिन एस. पवार, डॉ. मोहिनी सैनी, डॉ. विकास आर. प्रूस्टी एवं डॉ. बीपी मिश्रा तथा जेई वैक्सीन से डॉ. बीना, डॉ. वी. ममता पाठक, डॉ. तरणी दास, डॉ. केके रजक, डॉ. जेडबी दुबल, डॉ. आरके सिंह तथा डॉ. जी. साईकुमार द्वारा विकसित तीन प्रौद्योगिकियों का विमोचन भी किया गया।
संस्थान की उपलब्धियां बताईं
संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डा. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2019 में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम की शुरूआत की, जिसके अंतर्गत वर्ष 2025 तक पशुओं में खुरपका मुंहपका तथा ब्रूसेलोसिस रोग का नियंत्रण और वर्ष 2030 में खुरपका मुंहपका रोग का उन्मूलन तथा पीपीआर एवं सूकर रोगों को नियंत्रण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार की ओर से आईवीआरआई इज्जतनगर को टीकों के विकास एवं इनकी गुणवत्ता परीक्षण का महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया है।
निदेशक ने बताया कि संस्थान द्वारा विकसित बकरी चेचक, पीपीआर एवं सूकर ज्वर वैक्सीन के निरंतर उपयोग से देश को 8500 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत हो रही है। गत वर्ष संस्थान ने 7 प्रोद्योगिकी को जारी किया, जिसमें लम्पी स्किन रोग एवं डक फ्लेग का टीका मुख्य है, साथ ही संस्थान राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 को चरणबद्ध एवं समयबद्ध तरीके से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जानिए किसने क्या कहा-
पशु-पक्षियों की नस्ल सुधार और उनका निरोगी होना मनुष्य हित में: नरेंद्र तोमर
दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मेधावी छात्र-छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि युवाओं के विकास में शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। श्रेष्ठ विद्या प्राप्त करके विद्यार्थियों को गौरव का अनुभव होता है। श्री तोमर ने प्रकृति व पशुओं का रिश्ता अटूट बताते हुए कहा कि मनुष्यों के साथ-साथ पशुधन-पक्षियों की देखभाल व उनके स्वास्थ्य की चिंता करना भी हमारा कर्त्तव्य है। पशुओं का अपार महत्व है, इसलिए पशुओं को हम पशुधन कहकर ही संबोधित करते हैं। भारत में कुल पशुधन आबादी 535.78 मिलियन व पक्षीधन की संख्या 851.18 मिलियन है, लगभग इतनी ही हमारी जनसंख्या भी है। देश की पशुधन संपदा न केवल संख्यात्मक अपितु आनुवंशिक विविधता की दृष्टि से भी काफी समृद्ध है।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र की पूर्णता पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मत्स्यपालन सहित अन्य सम्बद्ध क्षेत्रों के साथ ही होती है। कृषि के साथ-साथ देश की ग्रोथ के लिए पशुपालन सहित सम्बद्ध क्षेत्रों में जिम्मेदारी से काम करना होता है। पशुओं की नस्ल सुधरें, वे निरोगी रहें, यह आज समय की मांग है। दुधारू पशुओं में रोग होने पर लोग भी प्रभावित होते हैं। पशुपालन क्षेत्र के महत्व के मद्देनजर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत पशुपालन अवसंरचना कोष के रूप में 15 हजार करोड़ रुपये के विशेष पैकेज का प्रावधान किया है। श्री तोमर ने बताया कि पशुओं को लम्पी स्किन रोग से बचाव के लिए हाल ही में स्वदेशी वैक्सीन (लम्पी) लांच की गई है।
कृषि के सबसे तेजी से बढ़ते उप-क्षेत्रों के रूप में उभरा पशुधन: कैलाश चौधरी
दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि केंद्रीय किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने अपने सम्बोधन में सभी छात्र-छात्राओं को अपने शिक्षण एवं शोध कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक पूरा करने तथा उपाधियां, पदक व पुरस्कार अर्जित करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों में भारतीय पशुधन क्षेत्र, कृषि के सबसे तेजी से बढ़ते उप-क्षेत्रों के रूप में उभरा है। केंद्र और राज्य की सरकारों ने पशुधन क्षेत्र की नीतियों और कार्यक्रमों को फिर से आकार देने, विकास के अधिक समावेशी रूप को बढ़ावा देने और पशुधन क्षेत्र के विकास की गति को बढ़ाने एवं इसकी पूर्ण क्षमता का उपयोग करने की दृढ़ इच्छा दिखाई है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत खुरपका-मुंहपका, बुसेलोसिस, शूकर ज्वर, और बकरी महामारी रोगों के टीकों की गुणवत्ता परीक्षण में भी यह संस्थान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि 85 प्रतिशत छात्र, जो इस क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, वे कृषि परिवार से जुड़े हैं। वैज्ञानिकों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि पशुओं की अन्य बीमारियों पर भी उन्मूलन करें। हम भारत के पशुधन क्षेत्र को शीर्ष स्थान पर ले जाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय को दोगुना करने के सपने को पूरा करने के लिए कृत संकल्प हैं।
आर्थिक सुधारों के लिए कृषि विकास जरूरी: संतोष गंगवार
दीक्षांत समारोह में बरेली के लोकसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि पूरे विश्व में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान की शोध एवं नैदानिक के क्षेत्रों में विशेष पहचान है। उन्होंने कहा कि कृषि विकास के माध्यम से ग्रामीण लोगों की समस्याओं के समाधान के बिना आर्थिक सुधारों के बारे में सोचना मुश्किल है। कृषि एवं पशुपालन सीधे तौर पर हमारी ग्रामीण आबादी की जीवन शैली को प्रभावित करता है। देश में आज फसल उत्पादन में पशुधन, कुक्कुट व मत्स्य पालन को समाहित करते हुए कृषि उत्पादन, खाद्य संरक्षण, प्रसंस्करण व वितरण प्रणालियों के विकास एवं प्रसार की आवश्यकता है।
ये भी दीक्षांत समारोह में मौजूद रहे
दीक्षांत समारोह में बरेली जनपद के विधायकगण, महापौर बरेली डॉ. उमेश गौतम, अध्यक्ष जिला पंचायत बरेली रश्मि पटेल, आईवीआरआई के प्रबंधन मंडल एवं शैक्षणिक परिषद के सदस्यगण, क्यूआरटी एवं आरएसी के सदस्य, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, संस्थान के पूर्व निदेशकगण, पशु विज्ञान संस्थानों के निदेशकगण, संस्थान के सभी संयुक्त निदेशक, संकाय सदस्य, सेवानिवृत्त वैज्ञानिक, छात्र एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
10th convocation of IVRI: किन्हें मिली उपाधि और पुरस्कार, जानिए