राज्य संदर्भ समूह उत्तर प्रदेश के सदस्य डॉ अनिल चौबे ने विकसित की है समय सारिणी
बरेली। लॉकडाउन के दौरान विद्यालय बंद होने के पश्चात अब जबकि शिक्षक विद्यालय में नियमित जा रहे हैं, परंतु बच्चे विद्यालय तक नहीं आ रहे हैं, ऐसी स्थिति में अपने दिनभर की कार्ययोजना न होने के कारण शिक्षक यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि उन्हें पूरे विद्यालय समय में करना क्या है।
इसी को ध्यान में रखते हुए डॉ. अनिल चौबे, सदस्य राज्य संदर्भ समूह ने एक ऐसी समय सारणी विकसित करके प्रस्तावित की है, जिसमें राज्य स्तर से लेकर संकुल स्तर तक के जितने भी कार्य विद्यालय में करने हैं, सूचनाएं बनानी हैं, स्वाध्याय करना है अथवा बच्चों से जुड़ने के लिए प्रयास करने हैं, सभी के लिए समय दिया गया है।
यह समय शिक्षक अपनी सुविधा अनुसार परिवर्तित भी कर सकते हैं, परंतु दिन भर की योजनाओं में जो कार्य दिए गए हैं, उन सभी पर आवश्यकता अनुसार समय देते हुए कार्य करना है।
इस दैनिक कार्ययोजना के अनुसार, विद्यालय बंद होने से आधा घंटा पूर्व अपनी दिन भर के कार्यों की प्रगति शिक्षक पांच-छह लाइनों में लिखकर अपने संकुल प्रभारी को व्हाट्सएप पर देंगे तथा प्रतिदिन सुबह ही संकुल शिक्षक नियमित कार्यों के अलावा क्या कार्य करने हैं, यह जिम्मेदारियां भी प्रातः विद्यालय खुलने के आधा घंटे बाद तक दे सकेंगे।
डॉ. अनिल चौबे ने बताया कि दीक्षा एप पर चल रहे प्रशिक्षण और स्वाध्याय, जिसमें पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन लर्निंग आउटकम पर अध्ययन शिक्षण योजनाएं बनाना, बच्चों के अभिभावकों से संपर्क करना, बच्चों से जुड़ने के लिए प्रयास करना, अधिकारियों के अतिरिक्त राज्य स्तर द्वारा प्रदान की गई e-pathshala फेस टू के दैनिक कार्य, विषयवार बच्चों को वर्कशीट देना, व्हाट्सएप पर भेजना, के लिए भी इस कार्य योजना में स्थान दिया गया है।
डॉ. चौबे ने बताया कि इस कार्य योजना से निश्चित रूप से शिक्षक एक अति प्रबंधकीय कार्य विद्यालय में कर सकेंगे और बच्चों तथा विद्यालय को उसका भरपूर लाभ मिल सकेगा। योजना से सभी शिक्षकों पर अपने-अपने उत्तरदायित्व का संज्ञान होगा, जिससे वे नियमित रूप से अपने दायित्वों का निर्वहन कर पाएंगे। कार्य योजना में सूचनाएं आदि बनाने के लिए सप्ताह में एक दिन शनिवार को लंच के बाद समय दिया गया है। इससे सूचनाएं बनाने पर पूर्व नियोजित योजना के अनुसार कार्य हो सकेगा। यह कार्य योजना विद्यालयों एवं शिक्षकों को नियमित रूप से बेहतरीन प्रबंधन एवं अनुशासन से अधिकतम गुणवत्तापूर्ण कार्य करने में मदद करेगी।
बता दें कि कोरोना काल के चलते काफी समय तक लगभग सभी स्कूल बंद रहे। इससे पढ़ाई-लिखाई प्रभावित हुई। बच्चों के अभी भी स्कूल में न जाने से शिक्षक उनको आनलाइन पढ़ा रहे हैं। सरकार के आदेश के मुताबिक, बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक रोजाना जा रहे हैं। ऐसे में, उनके सामने बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने के अलावा विभागीय कार्य भी करने के निर्देश हैं। ऐसी स्थिति में यदि वह दैनिक कार्ययोजना बनाकर कार्य करते हैं तो न सिर्फ आनलाइन पढ़ाई बल्कि विभागीय कार्य भी बेहतर ढंग से कर पाएंगे।