एशियन विधि एवं न्यायिक विज्ञान महाविद्यालय विधिक शिक्षा में तेजी से उभर रहा है। उत्तर प्रदेश में बरेली जनपद की नवाबगंज तहसील क्षेत्र के गंगापुर गांव में स्थापित यह कॉलेज पूरे क्षेत्र में विधिक शिक्षा का एकमात्र शिक्षण संस्थान है। सुदूर कस्बे-गांव के लोगों ने विधिक शिक्षा का मात्र सपना ही देखा होगा, जिसे इस कॉलेज ने संभव कर दिखाया है। वर्ष 2017 में कॉलेज का प्रथम सत्र प्रारंभ हुआ। एशियन एनआरएल चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन एडवोकेट नंदकिशोर ने इस कॉलेज की स्थापना की। यह उनका अभिनव प्रयास था, जिसे उन्होंने लंबे संघर्ष और अथक परिश्रम से किया। नंदकिशोर इस कॉलेज के प्रबंधक भी हैं।
कॉलेज प्रबंधन कमेटी की सचिव रेशम बताती हैं कि ग्रामीण अंचल के नवाबगंज क्षेत्र के लिए विधि की शिक्षा से बेहतर और क्या हो सकता था? यही सोचकर इस कॉलेज की नींव डाली गई। अथक प्रयासों का ही यह नतीजा है कि नवाबगंज क्षेत्र के युवाओं को विधिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। दरअसल, एक वक्त था जब नवाबगंज तहसील क्षेत्र के युवाओं को विधि की शिक्षा के लिए दूर बरेली जिला मुख्यालय पर आना-जाना पड़ता था। यह बेहद कठिन होता था। ऐसे में, तहसील क्षेत्र के गांवों के बहुत सारे युवा विधि की पढ़ाई का सपना छोड़ ही देते थे। लड़कियों के लिए तो यह असंभव ही होता था लेकिन अधिवक्ता नंदकिशोर ने युवाओं की दिक्कतों को समझा और नवाबगंज क्षेत्र में लॉ कॉलेज की नींव वर्ष 2017 में वह साकार कर पाए। हालांकि इसके बाद भी वह कहते हैं कि अभी तो यह एक छोटे से पौधे के रूप में है, निश्चित ही एक दिन यह विशाल वृक्ष का रूप ले लेगा। इस कॉलेज ने पिछले शैक्षिक सत्रों में सैकड़ों छात्र-छात्राओं की विधि के क्षेत्र में जाने का मार्ग प्रशस्त किया है।
कॉलेज खोल लेना ही पर्याप्त नहीं होता। उसमें शैक्षिक गुणवत्ता और अच्छी फैकल्टी जैसे बेहतर संसाधन ही छात्र-छात्राओं में स्किल डेवलप करते हैं, इसको खासतौर पर ध्यान में रखते हुए कॉलेज के प्रबंधन ने शिक्षण कार्य के लिए बेहतर फैकल्टी और सभी पर्याप्त संसाधन का बंदोबस्त किया है। इसका ही नतीजा है कि कॉलेज में प्रत्येक वर्ष का रिजल्ट 90 प्रतिशत रहा है। यहां छात्रों को अच्छी शिक्षा एवं लाइब्रेरी उपलब्ध है। अच्छे हवादार क्लास रूम हैं। क्रीडा स्थल है। 24 घंटे बिजली एवं स्वच्छ पानी की व्यवस्था है, ताकि विद्यार्थियों को किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े और वे अपना ध्यान सिर्फ पढ़ाई पर ही केंद्रित करें। विद्यार्थियों के रहने की भी कॉलेज परिसर में उचित व्यवस्था है, यही वजह है कि इस कॉलेज में बाहर दूसरे राज्यों और जनपदों के छात्रों ने भी यहां आकर प्रवेश लिया है।
2017 से यह कॉलेज लगातार उच्च स्तरीय मानकों के अनुरूप विधिक शिक्षा के लिए अपनी खास पहचान बनाता जा रहा है। यहां से निकले छात्र-छात्राएं न्यायिक सेवा में तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए उनको गाइडेंस की विशेष व्यवस्था रहती है। तमाम छात्र विधिक सलाहकार और अधिवक्ता के तौर पर कदम आगे बढ़ा रहे हैं। प्रबंधक नवल किशोर कहते हैं कि बेहद कम समय में ही कॉलेज की विशिष्ट पहचान पूरे स्टाफ को समर्पित है। सभी सकारात्मक सोच एवं परिश्रम से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं।