जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की तरफ से चीन के शिक्षण संस्थानों के साथ एमओयू (साझेदारी) हो रखी है। इस साझेदारी के तहत कई शोध प्रोजेक्ट में जेएनयू व चीन के शिक्षण संस्थानों के शोधार्थी साथ में काम कर रहे हैं। लेकिन चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण, चीन से भारत के छात्रों को वापिस बुला लिया गया है। जिन शोध प्रोजेक्ट में जेएनयू के शोधार्थी चीन जाया करते थे, वह अब नहीं जा सकेंगे। जेएनयू में बॉयोलॉजिकल साइंसेज, लाइफ साइंसेज और मॉलिक्यूलर मेडिसिन जैसे क्षेत्रों में काफी शोध कार्य हो रहे हैं। ऐसे ही कुछ क्षेत्रों में जेएनयू के शोधार्थियों की तरफ से दुनिया भर के शिक्षण संस्थानों के साथ शोध कार्य हो रहे हैं। इसमें चीन भी शामिल है। लेकिन कोरोना वायरस के कारण अब चीन ना जाकर सिर्फ इमेल के जरिए ही जेएनयू के शोधार्थी अपने शोध प्रोजेक्ट का संचालन कर सकेंगे।
इस बारे में जेएनयू प्रशासन के रेक्टर-1 चिंतामणि महापात्रा ने कहा कि चीन के कुछ शिक्षण संस्थानों के साथ जेएनयू की साझेदारी हुई है। जिसके तहत इन शिक्षण संस्थानों में जेएनयू के शोधार्थी, शोध प्रोजेक्ट के लिए जाते हैं। लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण चीन के वुहान शहर में फैलने के बाद अब चीन में यह शोधार्थी कुछ समय के लिए नहीं जा सकेंगे। हालांकि जेएनयू के शोधार्थी इमेल के जरिए अपने शोध कार्यों को जारी रखेंगे। चीन में मौजूद भारत के सभी छात्रों को वापिस बुला लिया गया है।