बरेली। बरेली-मुरादाबाद शिक्षक एमएलसी. प्रत्याशी डॉ. विनय खण्डेलवाल ने शिक्षक साथियों को संदेश देते हुए कहा है कि शिक्षक समाज को सही दिशा देने में अपनी अहम भूमिका निभाने के साथ ही अपने अधिकारों के लिए भी सजग होकर विधान परिषद में अपना ऐसा प्रतिनिधि चुनें, जो उनके हितों के लिए ईमानदारी के साथ कार्य करे।
- डॉ विनय खण्डेलवाल ने कहा है कि देश व समाज के हित में हमेशा शिक्षकों ने अपनी अहम भूमिका निभाई है। हमारे देश में शिक्षक का एक गौरवमयी स्थान माना जाता रहा है, परंतु आज शिक्षक समाज स्वयं को उपेक्षित और तिरस्कृत महसूस करता है। कदम-कदम पर उसको अपने अधिकारों के लिए इतना संघर्ष करना पड़ रहा है कि अपने वेतन तक के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है जबकि देश को विकास की ऊँचाइयों पर ले जाने का कार्य बिना शिक्षक के संभव नहीं है। देश की आर्थिक प्रगति को गति देना केवल उचित शिक्षा व्यवस्था द्वारा ही संभव है, जिस समाज में शिक्षक ही आर्थिक परेशानियों से जूझता रहा हो उस देश की आर्थिक तरक्की की बात किस आधार पर की जाए। कुछ लोग अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए शिक्षकों के ज्ञान और मजबूरियों का फायदा उठाने से नहीं चूकते। एक तरफ शिक्षकों को उनके हितों का आश्वासन देते हैं और दूसरी ओर विधान परिषद में शिक्षकों की आवाज भी ठीक से नहीं उठा पाते क्योंकि उनका लक्ष्य अपने निजी लाभों पर रहता है। वह क्या जानें शिक्षकों की जरूरतों को जब शिक्षकों की मांगों को सरकार के सामने ठीक से रखा ही नहीं जाएगा तो वह पूरी कैसे होंगी? प्रजातंत्र में भी शिक्षकों की आवाज यदि सरकार तक ना पहुंचे तो हमारे मौलिक अधिकारों का क्या लाभ? शिक्षकों के पतन का मुख्य कारण भी यही है केवल एक शिक्षक ही शिक्षक की आवाज बन सकता है दूसरा कोई नहीं।
डॉ विनय खंडेलवाल ने सभी शिक्षकों से अपील की है कि विधान परिषद चुनाव में एक ऐसा शिक्षक प्रत्याशी चुनें, जो मजबूती से विधान परिषद में शिक्षकों की आवाज बने। उन्होंने शिक्षक साथियों से कहा है कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यदि मुझे मौका दिया तो निश्चित ही विधान परिषद में शिक्षकों के मान-सम्मान व अधिकारों की गूंज रहेगी और शिक्षकों की सभी मांगे पूरी होंगी।