नई दिल्ली। ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी यानी जेजीयू (JGU) ने अपनी स्थापना के 11 वर्ष पूरे कर लिए हैं। 30 सितंबर को जेजीयू ने अपने स्थापना दिवस पर नए शैक्षिक सत्र का शुभारंभ कर दिया।
जेजयू की स्थापना 30 सितंबर, 2009 को की गई थी। तब यहां लगभग 100 विद्यार्थी, 10 संकाय सदस्य और एक स्कूल था लेकिन स्थापना के 11 वर्षों में इस यूनविर्सिटी ने सफलता के नए आयाम छूते हुए 10 स्कूल स्थापित किए। आज इनमें 6,600 से ज्यादा विद्यार्थी हैं, 725 पूर्णकालिक संकाय सदस्य और 1000 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं।
स्थापना दिवस पर आयोजित वर्चुअल इवेंट में शिक्षा क्षेत्र के कई नामी दिग्गजों की मौजूदगी में राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) के अध्यक्ष वीरेंदर एस. चौहान ने कहा कि जेजीयू ने सफलता की ऐसी मिसाल कायम की है, जिसका अनुसरण अन्य विश्वविद्यालय करेंगे।
एसोसिएशन ऑफ कॉमनवेल्थ विश्वविद्यालयों के मुख्य कार्यकारी और महासचिव जोआना न्यूमैन ने कहा कि जेजीयू सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों को हल करने के लिए समाधानों को बढ़ावा देता है। इसके विद्यार्थी सार्वजनिक स्वास्थ्य, गरीबी, भुखमरी और जलवायु संकट को बारीकी से समझते हैं। वे इनके प्रभाव से अवगत हैं, इसलिए जेजीयू महत्वपूर्ण शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र का अहम हिस्सा है, वैश्विक चुनौतियों से निपटना इसका उद्देश्य है।
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार ने कहा कि ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने मानवता और समाज की सेवा के लिए एक मिशन प्रारंभ किया। यह सुनिश्चित किया है कि हम समाज को खुद से पहले प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा कि जेजीयू में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों में सोचने की क्षमता का विकास हुआ है, जिससे वे वैश्विक मुद्दों को कई अलग-अलग दृष्टिकोणों से देखने में सक्षम हैं।
प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार ने कहा कि संस्थापक चांसलर नवीन जिंदल ने भारत में एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय बनाने की पहल की। सामाजिक कार्य के साथ इस बात पर जोर दिया गया कि विश्वविद्यालय का संचालन गैर-लाभकारी ढंग से हो से।
कार्यक्रम में कुलाधिपति के सलाहकार संजीव साहनी एवं रजिस्ट्रार दबीरू श्रीधर पटनायक भी शामिल रहे। इस मौके पर छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों की को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित भी किया गया।