कानपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा अब TMBU में कुलपति की जिम्मेदारी संभालेंगी। राजभवन से नियुक्ति के बाद बिहार सरकार ने उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है।
बरेली। महात्मा ज्योतिबाफुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय की प्रोफेसर रहीं प्रो. नीलिमा गुप्ता को अब नई जिम्मेदारी मिली है। कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के बाद वह अब बिहार के भागलपुर स्थित तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) की कुलपति बनाई गई हैं।
बिहार के राजभवन की ओर से इस विश्वविद्यालय में प्रो. नीलिमा गुप्ता की नियुक्ति किए जाने की अधिसूचना 19 सितंबर 2020 को बिहार सरकार की ओर से जारी कर दी गई। हालांकि वह कुछ समय बाद इस विश्वविद्यालय में कार्यभार संभालेंगी, क्योंकि अभी कानपुर विश्वविद्यालय में उनका कार्यकाल अगले साल फरवरी में पूरा होना है। पिछले तीन वर्ष के कार्यकाल में प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कानपुर के विश्वविद्यालय में कई उल्लेखनीय कार्य किए।
गौरतलब है कि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) 60 साल पुराना और कैंपस है, जिसकी स्थापना 1960 में हुई थी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की मूल निवासी प्रो. नीलिमा गुप्ता महात्मा ज्योतिबाफुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में जंतु विज्ञान की प्रोफेसर रही हैं। वह बरेली कॉलेज के बोर्ड ऑफ कंट्रोल की सदस्य भी हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालय तमिलनाडु की कार्यपरिषद में भी हैं। उनका लंबा शैक्षणिक अनुभव है और उनके कई शोध चर्चा का विषय रहे हैं। प्रो. नीलिमा गुप्ता के पति डॉ. डीके गुप्ता भी शिक्षाविद हैं। वह बरेली कॉलेज, बरेली में वरिष्ठ एसोसिएट प्रोफेसर रहे हैं।
विज्ञान रत्न से हैं सम्मानित
प्रो. नीलिमा गुप्ता को शैक्षणिक और शोध उपलब्धियों के लिए विज्ञान रत्न समेत कई प्रतिष्ठित सम्मान हासिल हुए हैं। इनमें सरस्वती सम्मान, जानकी अम्मल राष्ट्रीय पुरस्कार, डॉ. साह अबीदी विशिष्ट कृषि वैज्ञानिक पुरस्कार, भारतीय एकेडमी ऑफ पर्यावरण विज्ञान, वरिष्ठ वैज्ञानिक पुरस्कार, मिलेनियम वूमेन साइंटिस्ट अवार्ड, बेस्ट ओरेटर गोल्ड मेडल, आइएईएस सिल्वर जुबली गोल्ड मेडल आदि प्रमुख हैं। भागलपुर विश्वविद्यालय में कुलपति की जिम्मेदारी मिलने पर बरेली शहर में उनके तमाम शुभचिंतकों और एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय व बरेली कॉलेज के शिक्षक वर्ग में खुशी की लहर है।