कोरोना काल में स्कूल भले ही महीनों से बंद चल रहे हैं लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई की औपचारिकता के नाम पर स्कूलों की ओर से अभिभावकों से फीस जमा करने का लगातार दबाव बनाया जा रहा है। विश्वव्यापी महामारी से आर्थिक संकट झेल रहे अभिभावकों के सामने फीस जमा करने को लेकर बेहद दिक्कत है इसलिए वह चाहते हैं कि कम से कम कुछ समयावधि की फीस माफ की जाए या फिर उनको कुछ छूट दे दी जाए लेकिन स्कूलों के संचालक इसके लिए तैयार नहीं हैं। वे भले ही शिक्षकों को कम वेतन दे रहे हों या फिर कई शिक्षकों की नौकरी से छुट्टी कर चुके हों लेकिन अभिभावकों की जेब पर कम बोझ डालने को बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं, इस बीच बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अभिभावकों की फीस पर बड़ी बात कह दी है।

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि सरकारी और निजी स्कूल कोरोना काल की वजह से माफ करें। पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार से भी मांग करते हुए कहा है कि सरकार और निजी स्कूल फीस की प्रतिपूर्ति की जाए। उन्होंने फीस माफी को जनहित में बताते हुए ट्वीट किया। इसमें कहा है कि लॉकडाउन की वजह से आर्थिक मंदी से भीषण बेरोजगारी के साथ ही जीवन में बड़ा संकट झेल रहे कोरोड़ों लोगों (अभिभावकों) के सामने बच्चों की स्कूल फीस जमा करने की समस्या संगीन होकर धरना-प्रदर्शन के रूप में सामने आई है। फीस माफी की मांग करने पर उन्हें पुलिस के डंडे भी खाने पड़ रहे हैं। यह अति दुखद है।

बता दें कि अभिभावक सोशल मीडिया पर फीस माफी की मांग उठा रहे हैं। अभिभावक संघ और पैरेंट्स फोरम जैसे संगठनों की ओर से इसके लिए सोशल मीडिया मूवमेंट चलाया जा रहा है लेकिन इसका अब तक कोई नतीजा नहीं निकलकर सामने आया है। जबकि स्कूलों की ओर से अभिभावकों पर फीस जमा करने को लेकर दबाव बनाने का सिलसिला लगातार जारी है।

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