ग्वालियर/बरेली। शिक्षाविद प्रोफेसर कुमार रत्नम को एक और अहम जिम्मेदारी मिली है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद एवं भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद में सदस्य सचिव रहे और वर्तमान में मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा के ग्वालियर-चंबल क्षेत्रीय कार्यालय में अतिरिक्त संचालक के पद पर कार्यरत प्रोफेसर कुमार रत्नम को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सिक्किम के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) की जनरल काउंसिल का सदस्य मनोनीत किया है।
सिक्किम एनआईटी की जनरल काउंसिल की बैठक 22 सितंबर को गेंगटोक में राज्यपाल गंगा प्रसाद की अध्यक्षता में होगी। इसमें बतौर सदस्य प्रतिभाग के लिए प्रो. कुमार रत्नम को भी सिक्किम एनआईटी ने आमंत्रित किया है।
बता दें कि हाल ही में प्रोफेसर रत्नम को मध्यप्रदेश के सागर स्थित डॉ. हरी सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद ने मानविकी एवं समाज विज्ञान परिषद के लिए इतिहास विषय में विशिष्ठ विद्वान की श्रेणी में मनोनीत किया। प्रो. रत्नम जेएनयू तथा बीएचयू सहित अनेकों महत्वपूर्ण संस्थाओं की आकादमिक परिषदों एवं गुरुघासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर में महामहिम राष्ट्रपति के प्रतिनिधि भी रहे हैं। वह जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर में इतिहास अध्ययन मंडल के अध्यक्ष भी रहे।
बरेली के रहने वाले हैं प्रोफेसर रत्नम
गांधी दर्शन में डीलिट् प्रोफेसर कुमार रत्नम शिक्षाविद परिवार से आते हैं। वह मूलत: यूपी के बरेली शहर के रहने वाले हैं। उनके पिता कलाभूषण प्रो. सरन बिहारी लाल बरेली कॉलेज के ललित कला विभाग के अध्यक्ष रहे। उनके छोटे भाई प्रोफेसर आनंद लखटकिया बरेली कॉलेज के ललित कला विभाग में कार्यरत हैं। दूसरे भाई डॉ. कुमार विमल लखटकिया उत्तराखंड के बाजपुर स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग के प्रभारी हैं और उनको हाल ही में शिक्षक दिवस पर टीचर ऑफ द ईयर अवार्ड- 2022 के लिए चुना गया।