बरेली। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में बरेली-मुरादाबाद से शिक्षक विधायक के लिए चुनावी जंग का ऐलान हो चुका है। निर्वाचन आयोग से पांच नवंबर को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 12 नवंबर नामांकन कराने की अंतिम तिथि है। 13 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 17 नवंबर को नामवापसी। एक दिसंबर को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होना है। तीन दिसंबर को मतगणना के बाद नया शिक्षक विधायक चुन जाएगा।
ये धुरंधर चुनावी रण में
बहरहाल, चुनावी रण सजने लगा है। मैदान में आने के लिए धुरंधर तैयार हो चुके हैं। समाजवादी पार्टी ने फिर से शाहजहांपुर के संजय कुमार मिश्रा पर दांव लगाया है, जो मौजूदा शिक्षक विधायक हैं। उनको इस बार कड़ी चुनौती देने को भाजपा के डॉ. हरि सिंह ढिल्लो तैयार हैं। कांग्रेस ने डॉ. मेंहदी हसन को प्रत्याशी बनाया है तो उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट ने फिर से पूर्व शिक्षक विधायक सुभाष चंद्र शर्मा पर दांव लगाया है। उनके वोटों में सेंधमारी करके जीत का गणित लगाए शर्मा गुट के बागी डॉ. राजेंद्र कुमार गंगवार निर्दलीय चुनाव मैदान में आ रहे हैं। वहीं, माध्यमिक शिक्षक संघ चंदेल गुट से पूर्व एमएलसी रामबाबू शास्त्री ने भी दम भरा है। राजकीय शिक्षक संघ के वरिष्ठ नेता रह चुके और राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ से जुड़े आशुतोष शर्मा भी जी-जान से जुटे हैं। खंडेलवाल कॉलेज ऑफ समूह के निदेशक डॉ. विनय खंडेलवाल के बारे में चर्चा है कि वह भी ताल ठोंकने जा रहे हैं। डॉ. खंडेलवाल भाजपा से टिकट के दावेदार थे। फिलहाल इतने ही नाम चुनाव रणभूमि में उतरने को तैयार हैं। बाकी नाम नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद सामने आएंगे।
शिक्षक संगठनों का मांग रहे समर्थन
इस चुनाव में शिक्षकों को अपना विधायक चुनना है। चूंकि वित्तविहीन शिक्षकों की संख्या ज्यादा है इसलिए जीत का सेहरा उनके बलबूते बांधने के लिए लगभग सारे प्रत्याशी जोड़तोड़ में जुटे हैं। वित्तिवहीन शिक्षक संघ, वित्तविहीन शिक्षक महासभा जैसे संगठनों के दिग्गज नेताओं से प्रत्याशियों ने संपर्क साधना शुरू कर दिया है। वित्तविहीन शिक्षिकों के नेता शंकरलाल गंगवार और डॉ. हरिओम सिंह राठौर का कहना है कि वित्तविहीन शिक्षक इस बार बदलाव करने को तैयार बैठे हैं। ऐसा प्रत्याशी चुनेंगे, जो उनकी मांगों को मनवाने की लड़ाई में भरपूर साथ दे और उनको उनका हक दिलाए।
बिछा रहे थे चुनावी जमीन
वहीं, भाजपा प्रत्याशी पूर्व एमएलसी डॉ. हरी सिंह ढिल्लो काफी समय से शिक्षकों के बीच में हैं। वह स्नातक निर्वाचन भी लड़ चुके हैं। वह भी शिक्षकों के बीच जोरदार तैयारी में जुटे हुए हैं। पूर्व एमएलसी रामबाबू शास्त्री भी काफी समय से तैयारी कर रहे हैं। बरेली और मुरादाबाद मंडल के शिक्षकों से संवाद बनाए हुए हैं। पूर्व शिक्षक विधायक सुभाष चंद्र शर्मा को शर्मा गुट से जुड़े शिक्षकों पर फिर भरोसा है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि उनकी राह शर्मा गुट के बागी डॉ. राजेंद्र कुमार गंगवार न सिर्फ मुश्किल करेंगे बल्कि वह कई संगठनों के समर्थन से जीत का दावा करते आ रहे हैं। बरेली से आशुतोष शर्मा भी राष्ट्रवादी विचारधारा के शिक्षकों के साथ होने का दावा कर रहे हैं। कांग्रेस के डॉ. मेंहदी हसन भी काफी समय से तैयारी में जुठे हैं। यही स्थिति डॉ. विनय खंडेलवाल की है। वह भी काफी समय से चुनाव के लिए अपनी जमीन बिछा रहे थे।
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