इस लड़की में पढ़ने की ललकः आक्सीजन के सहारे शिक्षा की सांस

"बीमारी की वजह से पहले ही मेरा रेग्यूलर एक साल पूरा बर्बाद हो चुका है। अब किसी भी कीमत पर मैं अपने करियर का एक भी वर्ष बर्बाद नहीं करना चहाती। भले ही इसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े।"

-रजनेश सक्सेना की रिपोर्ट

बरेली। “बीमारी की वजह से पहले ही मेरा रेग्यूलर एक साल पूरा बर्बाद हो चुका है। अब किसी भी कीमत पर मैं अपने करियर का एक भी वर्ष बर्बाद नहीं करना चहाती। भले ही इसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े।” यह शब्द हैं सबिया के जो आॅक्सीजन सिलेंडर लगाकर यूपी बरेली के जीजीआईसी में कक्षा 10 के बोर्ड एग्जाम दे रहीं है। सबिया का कहना है कि उन्हें पढ़ाई का बचपन से ही बहुत शौक है। करीब पांच साल से सबिया बीमार है। जिसकी वजह से पिछले वर्ष वो अपने 10 के एग्जाम नहीं दे पाई। और इस बार प्राइवेट फार्म डालकर बोर्ड के एग्जाम में बैठी है। बीमारी इस चरम पर है कि सबिया आॅक्सीजन सिलेंडर के सहारे ही एग्जाम दे पा रही है।

22, दिसम्बर 2018 से लगा है आॅक्सीजन सिलेंडर

सबिया के पिता का कहना है कि सबिया को 2018 में 22 दिसम्बर को ज्यादा प्राॅब्लम हुई। जिसके बाद हाॅस्पिटल में जाने के बाद उसके आॅक्सीजन सिलेंडर लगाया गया। यानि सफिया को 22 दिसम्बर, 2018 को पहली बार आॅक्सीजन सिलेंडर लगा था। तब से लेकर अब तक सफिया बिना आॅक्सीजन सिलेंडर के नहीं रह सकती। यहां तक की जब तक वो पढ़ाई करती है तब तक उसके आॅक्सीजन सिलेंडर लगा रहता है।

बीमारी की शुरूआत एक स्टोन से हुई

सबिया के पिता ने बताया कि कुछ वर्ष पहले सबिया को पेट में दर्द उठा था। जिसके बाद उसे डाॅक्टर के पास लेकर गए। तो पता चला कि उसके गाॅल ब्लैडर में एक स्टोन है। जिसका इलाज चलता रहा, इसी इलाज के चलते इसकी बीमारी और बड़ने लगी और उसे ट्यूबरक्लोसिस की भी बीमारी हो गई। जिसकी वजह से इसके लंग्स ने भी सही से काम करना बंद कर दिया है। और सबिया को सांस लेने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सांस सही से चले इसके लिए आॅक्सीजन सिलेंडर का सहारा लेना पड़ रहा है।

स्कूल ने किया सपोर्ट

सबिया की पढ़ाई में जितना परिजनों का समर्थन है, उतना ही स्कूल का भी है। सबिया के पिता के अनुसार स्कूल के वरिष्ठ सहायक नीरज ने सबसे ज्यादा मदद की है। नीरज ने सबिया का एग्जाम फाॅर्म से लेकर उसके एग्जाम दिलाने तक काफी मदद की है। साथ ही इसमें स्कूल की प्रिंसिपल का भी पूरा सपोर्ट है।

हमेशा से टाॅप रही है

नर्सरी क्लास से लेकर 10 क्लास तक सबिया का रिजल्ट कभी खराब नहीं गया। उसने हमेश से स्कूल टाॅप किया है। फिर चाहें वो कोई सा भी क्लास क्यों न हो। इस बार सबिया पहली बार बोर्ड के एग्जाम में बैठी है। उसके परिजन इस बार भी उम्मीद लगा रहे है वो इस बार भी टाॅप करेगी।

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