यूपी बोर्ड ने मांग ली एक सूचना, प्रधानाचार्य खफा

बरेली। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों से एक सूचना मांगी है। यह सूचना यूपी बोर्ड परीक्षा को लेकर है और इसके बारे में सभी विद्यालयों को जानकारी देना अनिवार्य है लेकिन इस सूचना को मांगे जाने पर उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद ने एतराज जताया है। परिषद से जुड़े प्रधानाचार्यों ने इस जानकारी को अव्यवहारिक कहा है।

इस सूचना के मांगे जाने के बाद प्रधानाचार्य परिषद के पदाधिकारियों ने कहा है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग और यूपी बोर्ड की ओर से व्यवहारिक और धरातल के बजाय अव्यवहारिक तौर-तरीके अमल में लाने के फरमान जारी किए जाने से प्रधानाचार्यों के सामने मुश्किलें आ रही हैं। इनको कोई नहीं देखता।
प्रधानाचार्य परिषद के पदाधिकारियों ने यहां तक कहा है कि धरातल को समझे बिना संसाधनों के अभाव के बावजूद रोजाना नए-नए प्रयोग और सूचनाओं के वजन से माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई का माहौल प्रभावित हो चला है।

जानिए सभी विद्यालयों से क्या मांगी गई है सूचना
यूपी बोर्ड यानी उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने हाल ही में आदेश जारी करके सभी माध्यमिक विद्यालयों से बोर्ड परीक्षा केंद्रों के निकट बैंक लॉकर में प्रश्न पत्रों को सुरक्षित रखने की सूचना मांगी है।
हालांकि यूपी बोर्ड का मकसद बोर्ड परीक्षाओं में प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के दृष्टिगत यह जानकारी मांगी गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बोर्ड परीक्षा केंद्रों पर रखे जाने वाले पेपर सुरक्षित रह सकें। असल में, पेपर लीक होने के मामलों को लेकर शासन बेहद गंभीर है। ऐसे में, यूपी बोर्ड यह सुनिश्चित करना चाहता है कि वही विद्यालय परीक्षा केंद्र बनाए जाएं, जिनके निकट बैंक लॉकर का बंदोबस्त हो और परीक्षा केंद के बजाय लॉकर में पेपर रखे जा सकें लेकिन प्रधानाचार्य परिषद ने इस व्यवस्था को अव्यवहारिक बताया है।

 

प्रदेश अध्यक्ष ब्रजेश शर्मा ने कहा- यह अव्यवहारिक
बरेली पहुंचे प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ब्रजेश शर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में बोर्ड परीक्षा केंद्र तो बनाए जाते हैं पर वहां बैंक लॉकर वाली स्तरीय बैंक नहीं हैं। ऐसे में दूरस्थ बैंकों से सुरक्षित प्रश्न पत्रों को निकाल कर लाना असंभव होगा। उन्होंने कहा कि इस सूचना से यूपी बोर्ड को ओर से बैंक लॉकर वाले नए फरमान की संभावना है, जो कि व्यवहारिक नहीं है। खासकर महिला प्रधानाचार्य तो इसे पूर्णतः अव्यवहारिक कह रही हैं।

 

डॉ. मनोज ने फीस का मुद्दा उठाया
उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश महामंत्री एवं बरेली के मनोहर भूषण इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मनोज कुमार ने फीस का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा है कि सरकार के पुराने आदेशानुसार वर्षों से कक्षा छह से आठ तक का शुल्क लेना बंद है, जबकि इसके बदले सरकार द्वारा पूर्व में घोषित क्षतिपूर्ति भी नहीं दी जा रही है। उन्होंने कक्षा 9 से 12 वीं तक पुराना निर्धारित शुल्क ही लेते रहने को नकाफी बताया है और यूपी बोर्ड में भी सीबीएसई के समान शुल्क लेने के आदेश जारी करने की मांग की है।

शुल्क वसूली की जांच पर भी आपत्ति व्यक्त की
प्रदेश महामंत्री डॉ. मनोज कुमार ने यूपी बोर्ड के उस आदेश को भी हताशाजनक बताया है, जिसमें सभी कालेजों में अवैध शुल्क वसूलने की जांच कमेटी द्वारा किया जाना है। उन्होंने शिकायत वाले स्कूल कालेजों की जांच कराया जाना उचित बताया न कि सभी विद्यालयों की। इससे उन्होंने जांच के नाम पर प्रधानाचार्यों के शोषण की आशंका जताई है।

 

सुनील मिश्र बोले- व्यर्थ की सूचनाओं से तनाव की स्थिति
वहीं, प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश प्रवक्ता सुनील मिश्र ने असमय और जल्दबाजी में रोजाना सूचनाओं को मांगे जाने से व्यर्थ तनाव की बात कही है। कहा है कि प्रधानाचार्य परिषद ने लगातार एक ही सूचना को बार-बार मांगें जाने से व्यर्थ व्यय पर भी चिंता जताई है। परिषद नेतृत्व ने सूचनाओं का अनायास दबाव कम करने से ही शिक्षा में गुणवत्ता आने का तर्क दिया है।

 

संदीप इंदवार बोले- भरे जाएं रिक्त पद
उधर, प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री डॉ. संदीप इंदवार ने कहा है कि शिक्षण संस्थाओं में रिक्त पदों की पूर्ति करने व पठन पाठन का माहौल बनाना ही छात्र हित है। कालेजों में सभी रिक्त स्थानों पर क्लर्क व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती खोलने की भी जरूरत है।

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