बरेली
अगर आपको पढ़ाई का जज्बा देखना हो तो इन दिनों यूपी के बरेली शहर जीजीआईसी में देखिए। जहां यूपी बोर्ड परिक्षाओं के दौरान एक ऐसी छात्रा नजर आती है। जो आॅक्सिजन सिलेंडर के सहारे एग्जाम दे रही है। क्योंकि लंबी बीमारी के चलते छात्रा के करीब 80 प्रतिशत लंग्स खराब हो चुके है। यहां तक कि डाॅक्टर्स ने उसे एग्जाम देने से भी मना किया है। डाॅक्टर्स का कहना है कि छात्रा लगातार तीन घंटे बिना आॅक्सीन सिलेंडर नहीं रह सकती। लेकिन छात्रा का कहना है कि यदि वो एग्जाम नहीं देगी तो उसका एक वर्ष बरबाद हो जाएगा। छात्रा के इस जज्बे को देख स्कूल प्रशासन ने भी छात्रा को आॅक्सीजन सिलेंडर के सहारे एग्जाम देने की अनुमति दे दी है।
शहर के जीजीआईसी का है ममला
जीजीआई की प्रिंसिपल अन्नू पारासरी के ने बताया कि उनके इन दिनों उनके स्कूल में सफिया नाम की कक्षा 10 की प्राइवेट छात्रा एग्जाम दे रही है। सफिया हालत इतनी खराब है कि वो बिना आॅक्सीजन सिलेंडर के परीक्षा नहीं दे पा रही है। सिर्फ दो एग्जाम ऐसे हुए जिसमें उसे सिलेंडर की जरूरत नहीं पड़ी। बाकी के सभी एग्जाम में उसके सिलेंडर लगाकर ही परीक्षा दिलाई गई है। जिसके बाद उन्होंने बताया कि सफिया का इलाज बरेली के डाॅट सेंटर से चल रहा है। वो पिछले कई वर्षों से बीमार चल रही है। जिसके चलते उसे टीबी की बीमारी बन गई है।
80 प्रतिशत लंग्स हो चुके है खराब
स्कूल की प्रिंसिपल का तो यहां तक कहना है कि सफिया को डाॅक्टर्स ने एग्जाम देने से भी मना किया है। क्योंकि सफिया के बीमारी के चलते 80 प्रतिशत लंग्स खराब हो चुके है। जिससे उसे सांस लेने में भी काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। लेकिन सफिया को पढ़ाई का इतना जूनून है कि वो किसी की बात सुनने को तैयार ही नहीं है। उसका सिर्फ यही कहना है कि यदि उसने इस बार परीक्ष नहीं दी तो वो अपना इक साल बर्बाद कर देगी।
जज्बे को लोग कर रहे सलाम
सफिया के इस जज्बे को देखने वाला हर व्यक्ति उसकी तारीफ ही करता है। लोगों का कहना है कि अगर किसी के पास जज्बा हो तो सफिया के जैसा। इतनी बीमारी के बाद भी एग्जाम देने का जज्बा नहीं छूट रहा है।