लखनऊ। यूपी बोर्ड यानी उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शनिवार को हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम जारी कर दिया। इस बार भी लड़कों को पछाड़कर लड़कियों ने बाजी मारी है।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री औऱ माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने दोनों परीक्षा परिणाम की घोषणा एक साथ की।
बता दें कि लंबे समय से रिजल्ट का इंतजार कर रहे विद्यार्थी अब बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर नतीजे देख सकते हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हाईस्कूल और इंटर की कक्षा में कुल 51,30,481 परीक्षार्थी शामिल हुए। दसवीं कक्षा में 27,44,976 परीक्षार्थी और बारहवीं कक्षा में 23,85, 505 परीक्षार्थी शामिल रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना इस वर्ष परिणाम अच्छा रहा।
इस साल के रिजल्ट में लड़कों के मुकाबले लड़कियां का प्रदर्शन बेहतर रहा है। दसवीं कक्षा में 23 लाख 982 छात्र पास विद्यार्थी पास हुए हैं। दसवीं में इस साल बड़ौत-बागपत की रिया जैन ने टॉप किया है। रिया ने 96.67 फीसदी नंबरों के साथ टॉप किया है। दसवीं में दूसरा स्थान अभिमन्यु वर्मा का रहा है। उन्होंने 95.83 फीसदी अंकों के साथ टॉप किया है। वह साई इंटर कॉलेज बाराबंकी के विद्यार्थी हैं। वहीं, तीसरा स्थान योगेश प्रताप सिंह और राजेंद्र प्रताप सिंह का रहा। इन दोनों ही विद्यार्थियों ने 95.33 फीसदी अंकों के साथ हाईस्कूल की परीक्षा में टॉप किया है। योगेश प्रताप सदभावना इंटर कॉलेज बाराबंकी के विद्यार्थी हैं।
इंटरमीडिएट में बड़ौत-बागपत के अनुराग मलिक ने टॉप किया है। उन्होंने 97 फीसदी नंबरों के साथ टॉप किया है। दूसरे स्थान प्रयागराज के प्रांजल सिंह का रहा है। उन्होंने 96 फीसदी अंकों के साथ टॉप किया है। तीसरे स्थान उत्कर्ष शुक्ला का रहा है जिन्होंने 94.80 फीसदी अंकों के साथ टॉप किया है। वो औरैया के रहने वाले हैं।
यूपी सरकार ने टॉपर्स को लैपटॉप देने की घोषणा की है। इसके अलावा दसवीं और बारहवीं कक्षा के टॉपर्स विद्यार्थियों को सरकार एक लाख रुपये की सहायता राशि भी देगी। 20 टॉपर्स के घर तक सरकार पक्की सड़क बनाएगी।
पिछले साल यूपी बोर्ड का रिजल्ट अप्रैल महीने में जारी किया गया था। इस साल वैश्विक कोरोना महामारी की वजह से बोर्ड के परिणाम देरी से जारी हुए हैं। इस साल दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं 18 फरवरी में शुरू हुई थीं और 6 मार्च तक चली थी। कोरोना वायरस से रोकथाम के लिए लॉकडाउन की घोषणा के चलते परीक्षाओं के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन प्रक्रिया में देरी हुई थी। जिसकी वजह से इस साल रिजल्ट की घोषणा में भी देरी हुई।
पिछले साल यूपी बोर्ड के दसवीं कक्षा का रिजल्ट 80.07 फीसदी रहा था। उससे पहले साल 2018 में दसवीं के परिणाम 75.16 फीसदी रहा था। जबकि साल 2017 में 81.18 फीसदी, 2016 में 87.66 फीसदी और साल 2015 में दसवीं का परिणाम 83.74 फीसदी रहा था। वहीं, पिछले साल बारहवीं में 70.06 फीसदी विद्यार्थी पास हुए थे। साल 2018 में बारहवीं कक्षा में 72.43 फीसदी और साल 2017 में 82.62 फीसदी रिजल्ट रहा था। उससे पहले साल 2016 में बारहवीं कक्षा का रिजल्ट 87.99 फीसदी और 2015 में 88.83 फीसदी रहा था।